मध्य भारत पर बने दो मौसमी सिस्टम और मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय मॉनसूनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं। इन सिस्टमों के प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान को छोड़कर देश के शेष सभी भागों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
पहला चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और उससे सटे उत्तर प्रदेश पर दिखाई दे रहा है। पश्चिम में दिल्ली के करीब बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा इस सिस्टम के बीच से उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए पूर्वोत्तर भारत तक पहुँच रही है।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के करीब आ रहा है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी पाकिस्तान के आसपास है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में मध्यम वर्षा होने की संभावना है। कहीं-कहीं अच्छी बारिश भी हो सकती है।
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भी बारिश जारी रहेगी। उत्तराखंड में बारिश की तीव्रता अधिक हो सकती है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां संभावित हैं। जबकि उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में कई जगहों पर मध्यम जबकि एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
मराठवाड़ा पर भी एक चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है और इस सिस्टम से एक ट्रफ तमिलनाडु तक पहुँच रही है। यह दोनों सिस्टम बेहद प्रभावी और सक्रिय हैं जिससे इस ट्रफ के आसपास के भागों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।
मध्य भारत के शेष हिस्सों के साथ-साथ रायलसीमा, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी।
पश्चिमी और पूर्वी तटीय भागों भी मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी।
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