हिमालय के तराई क्षेत्रों में मॉनसून का व्यापक प्रदर्शन जारी रहेगा । मॉनसून की अक्षीय रेखा के उत्तरवर्ती होने से इन भागों में बढ़ी है बारिश। धीरे-धीरे यह रेखा जम्मू, देहारादून, गोरखपुर और असम के ऊपरी भागों के करीब पहुंचेगी।
जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर और पूर्वी दिशा में आगे बढ़ने के कारण पर्वतीय राज्यों में बारिश में व्यापक रूप में कमी देखने को मिलेगी।
उत्तरखंड में भी बारिश में कमी से लोग राहत की सांस लेंगे। हालांकि राज्य में कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा के लिए स्थितियाँ अभी भी अनुकूल बनी हुई हैं।
पूर्वी राजस्थान भी बीते दो दिनों से भारी बारिश देख रहा था। यहाँ भी बारिश में कमी आने के संकेत हैं।
मॉनसून का सबसे अधिक प्रभाव फिलहाल उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में देखने को मिलेगा। असम में बाढ़ से राहत के संकेत नहीं हैं। मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी बुधवार को भारी बारिश हो सकती है।
पूर्व में उत्तरी पश्चिम बंगाल से बंगाल की खाड़ी के उत्तर तक एक ट्रफ बनी हुई है। इसके चलते गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कुछ भागों में मॉनसून सक्रिय बना रहेगा।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ कोंकण-गोवा क्षेत्र में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा देती रहेगी। लेकिन केरल और कर्नाटक में बारिश की तीव्रता में कमी आने के संकेत हैं। दक्षिणी गुजरात में हल्की वर्षा हो सकती है।
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