दक्षिण-पश्चिम मॉनसून और आगे बढ़ते हुये अब पश्चिमी राजस्थान के बाकी हिस्सों को भी पार कर चुका है। 19 जुलाई को मॉनसून आखिरकार सम्पूर्ण भारत के आखिरी छोर तक पहुँच चुका है।
केरल में भीषण मॉनसून के संकेत हैं। यहाँ पर अगले 24 घंटों के दौरान, बेहद भारी बारिश की उम्मीद है। इस समय एक तट से लगती ट्रफ रेखा दक्षिण कोंकण व गोवा से केरल तक जा रही है। इसके साथ ही, कर्नाटक और केरल में मॉनसून की गतिविधियां अब बढ़ गयी हैं जिस कारण केरल और कर्नाटक के दक्षिणी तट पर बेहद भारी बारिश का अनुमान है।
दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। वहीं, रायलसीमा और तटीय तमिलनाडु में कुछ जगह हल्की बारिश हो सकती है। कन्नूर, कासारगोड व कोज़्हीकोड़ में बेहद भारी बारिश की उम्मीद है। साथ ही, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में कुछ जगह हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
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मध्य भारत की ओर बढ़ें तो, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र ओड़ीशा तट से लगती बंगाल की खाड़ी पर देखा जा सकता है। इस चलते, विदर्भ, मराठवाडा और उत्तर मध्य महाराष्ट्र में बारिश अब बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ व दक्षिणी और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी अच्छी बारिश का अनुमान है। गुजरात में भी, अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश का अनुमान जताया जा रहा है। अहमदाबाद, पंचमहल और तापी जैसे शहरों में अच्छी बारिश आगे क्रम में है।
पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत में, बंगाल की खाड़ी से आती हवाएँ अब उमस को बढ़ावा देंगी। जिस कारण, पूर्वोत्तर राज्यों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, उत्तरी उत्तर प्रदेश, उत्तरी बिहार व सिक्किम में कुछ जगह हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। ओड़ीशा, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में भी कुछ जगह मध्यम बारिश का अनुमान है।
उत्तर भारत में, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पंजाब और साथ लगे क्षेत्रों पर देखा जा सकता है। साथ ही, एक ट्रफ रेखा पंजाब से पूर्वी भारत तक जा रही है। इस कारण, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के भागों में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। वहीं, उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा और राजस्थान के भागों में एक-दो जगह गरज-बौछारें संभव हैं। वहीं दिल्ली में शुष्क मौसम जारी रहेगा और यहाँ तापमान बढ्ने का अनुमान है।
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