बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ पर पहुँच गया है। इस सिस्टम से बंगाल की खाड़ी तक ट्रफ भी बन गया है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में 2 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
साथ ही दक्षिणी गुजरात के पास अरब सागर पर एक चक्रवाती क्षेत्र हवाओं में बना हुआ है। इसके प्रभाव से सूरत और अहमदाबाद सहित दक्षिणी गुजरात, दहानु, मुंबई, ठाणे, रत्नागिरी, महाबलेश्वर सहित महाराष्ट्र के तटीय भागों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं।
दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, गुजरात के बाकी हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
पूर्वी भारत के भागों में भी मॉनसून में हलचल बनी रहेगी क्योंकि निम्न दबाव के कारण बंगाल की खाड़ी से व्यापक मात्र में नमी लेकर हवाएँ पूर्वी भारत में भी पहुँचेंगी। अनुमान है कि झारखंड, ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी मॉनसूनी बौछारें गिर सकती हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।
दक्षिण भारत में दक्षिणी पश्चिमी तटों पर मौसम सक्रिय होगा तो पूर्वी भागों में सुस्ती दिखेगी। तटीय कर्नाटक और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के बीच एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में भी हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान है।
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बंगलुरु सहित तमिलनाडु से सटे कर्नाटक के भागों में छिटपुट बारिश होगी जबकि तमिलनाडु को मॉनसून अभी भी तरसाएगा।
उत्तर भारत को एक पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करने वाला है। साथ ही राजस्थान से मध्य प्रदेश तक एक ट्रफ बन गई है।
इन सिस्टमों के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना हो सकती है। उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर बारिश शुरू हो जाएगी।
राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब को 2 जुलाई को भी मॉनसून नहीं भिगोने वाला और प्री-मॉनसून वर्षा भी राहत नहीं दिलाएगी। यानि शुष्क मौसम के साथ प्रचंड गर्मी जारी रहेगी। हालांकि हवा बदलकर पूर्वी हो जाएगी जिससे दिल्ली सहित मैदानी इलाकों में तापमान में हल्की कमी आएगी।
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