उत्तर में दो चक्रवाती क्षेत्र बने हुए हैं। एक सिस्टम पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब तथा जम्मू कश्मीर पर है जबकि दूसरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपर बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इन सिस्टमों के बीच से हिमालय की तराई से होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों में बनी हुई है।
मॉनसून ट्रफ इन सिस्टमों का प्रभाव कम करेगी जिससे उत्तराखंड में तबाही मचा रही बारिश में कमी आएगी। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भी बारिश कम होगी।
हालांकि उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अगले दो दिनों के दौरान भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
बिहार से पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ भी बन रही है, जिससे पूर्वी भारत में मॉनसून सक्रिय बना रहेगा। असम में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं। यहाँ मंगलवार को भी भारी वर्षा होगी। मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी भारी वर्षा के आसार हैं।
दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के मौसम की बात करें तो रायलसीमा और तमिलनाडु में बारिश बढ़ने का अनुमान है। आंध्र प्रदेश में बीते 2 दिनों के दौरान अच्छी वर्षा हुई है। लेकिन मंगलवार को यहाँ बारिश में कमी रहेगी।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ के प्रभाव से गोवा और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश होने की संभावना है।
इधर मध्य भारत के अधिकांश इलाकों में कल मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा।
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