मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर में स्थिर हो गई है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र इस रेखा के पश्चिम में मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब पर बना हुआ है जबकि दूसरा उत्तर प्रदेश और उससे सटे भागों पर दिखाई दे रहा है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर में हिमलाय की तराई के आसपास बनी हुई है। इसका पश्चिमी सिरा भी जल्द ही हिमालय के तराई के और करीब चला जाएगा।
इस मौसमी परिदृश्य के अनुसार पश्चिमी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में शनिवार को मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भीषण बारिश की आशंका बन गई है।
दक्षिण का रुख करें तो यहाँ तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के बीच एक ट्रफ बन गई है। इसके चलते चेन्नई सहित तमिलनाडु में शनिवार को हल्की वर्षा होगी। इन भागों में रविवार से बारिश बढ़ने के आसार हैं।
इधर पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ के चलते केरल में मध्यम बौछारें दर्ज की जाएंगी। कोंकण गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
दक्षिण और मध्य भारत के शेष हिस्सों में मॉनसून कमजोर रहेगा।
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