मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर हो गया है और इस समय यह दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उससे सटे मध्य प्रदेश पर चक्रवाती क्षेत्र के रूप में दिखाई दे रहा है।
इस बीच मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा भी उत्तरवर्ती हुई है और इन दोनों सिस्टमों के बीच से पूर्वी भारत होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक पहुँच रही है।
इस बदलाव के चलते अनुमान है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित गंगा के मैदानी भागों में शुक्रवार को मध्यम से भारी वर्षा देखने को मिलेगी।
पूर्वोत्तर राज्यों विशेषकर असम, अरुणाचल प्रदेश और असम में भी बारिश ज़ोर पकड़ेगी। इन भागों में कुछ स्थानों पर भीषण वर्षा की आशंका है।
मौसमी सिस्टमों के उत्तर में आने के चलते मध्य और पश्चिमी राज्यों में बारिश व्यापक रूप से कम हो जाएगी।
इधर पश्चिमी तटों बनी ट्रफ बहुत प्रभावी नहीं है। लेकिन इसके चलते केरल, तटीय कर्नाटक और कोंकण गोवा क्षेत्र में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में मॉनसून का कमजोर प्रदर्शन ही देखने को मिलेगा।
Please Note: Any information picked from here can be attributed to skymetweather.com