मध्य भारत पर बने कई मौसमी सिस्टमों के चलते इस समय मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और गुजरात में मॉनसून सक्रिय है और इन भागों में भारी वर्षा हो रही है। हालांकि महाराष्ट्र में वर्षा में धीरे-धीरे कमी आने के संकेत मिल रहे हैं।
दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और इससे सटे गुजरात तथा राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र ओड़ीशा के ऊपर विकसित हुई चक्रवाती हवाओं से मिल गया है।
कल यह सिस्टम मध्य प्रदेश और उससे सटे छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश के ऊपर दिखाई देगा। मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में फिलहाल बारिश जारी रहेगी। धीरे-धीरे बारिश का दायरा उत्तरी दिशा में बढ़ेगा।
उत्तर भारत में एक ट्रफ पंजाब से हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओड़ीशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। 14 जुलाई के आसपास यह दोनों ट्रफ आपस में मिल जाएंगी और हिमालय के तराई क्षेत्रों की ओर यह पहुंचेगी।
इस बदलाव से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बुधवार की रात से भारी मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को भी भारी वर्षा के लिए सतर्क रहना होगा।
पश्चिमी तटों पर नज़र डालें तो यहाँ बनी ट्रफ सक्रिय है। इसके चलते तटीय कर्नाटक और केरल में भारी वर्षा हो सकती है। कोंकण और गोवा में अपेक्षाकृत कम बारिश होग। हालांकि मायानगरी मुंबई में भी एक-दो बार मध्यम वर्षा की संभावना से हम इंकार नहीं कर सकते।
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