बंगाल की खाड़ी में बना मौसमी सिस्टम सशक्त होते हुए अब निम्ब दबाव बन गया है और पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ा है। यह सिस्टम इस समय दक्षिणी ओड़ीशा और आसपास के भागों पर दिखाई दे रहा है। धीरे-धीरे यह सिस्टम पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा।
इसके प्रभाव से ओड़ीशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में अच्छी मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है।
इस सिस्टम से एक ट्रफ छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा होते हुए पंजाब तक पहुँच रही है। इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत के करीब आ रहा है और यह इस समय उत्तरी पाकिस्तान तथा आसपास के भागों के पर दिखाई दे रहा है।
इस बदलते मौसमी परिदृश्य के बीच हमारा अनुमान है कि दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश रफ्तार पकड़ेगी और अगले 24 से 48 घंटों में अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ वर्षा देखने को मिलेगी।
इसके अलावा अरब सागर में बना सिस्टम भी मॉनसून को प्रभावित कर रहा है। इसके चलते गुजरात और राजस्थान में नम हवाओं का व्यापक प्रवाह बना हुआ है।
इन दोनों मौसमी सिस्टमों के चलते मॉनसून तेज़ी से आगे बढ़ सकता है। अनुमान है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जल्द ही समूचे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात के शेष भागों और राजस्थन में अपने पाँव पसार सकता है।
इस बीच पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ के चलते यहाँ मॉनसून सक्रिय रहेगा। तटीय भागों में अधिकांश स्थानों पर मॉनसूनी बारिश होगी। लेकिन तटीय कर्नाटक और गोवा में मॉनसून की व्यापक सक्रियता से भीषण वर्षा की संभावना है।