उत्तर में बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है। साथ हरियाणा और उससे सटे उत्तराखण्ड पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ते हुए निष्प्रभावी हो गया है। इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आता दिखाई दे रहा है। अफगानिस्तान के आसपास दिखाई दे रहा यह सिस्टम 16 फरवरी की शाम से उत्तर भारत के पर्वतीय भागों को प्रभावित करेगा। सोमवार को पर्वतीय भागों में छिटपुट स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।
इधर गुजरात पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। अगले 24 से 48 घंटों में यह उत्तर-और उत्तर पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा। जिसके प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में 16 फरवरी की षाम से बारिष की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
यहां उत्तर से आ रही सर्द हवाएं दक्षिण से आने वाली गर्म और आर्द्र हवाओं से टकरा रही हैं। जिसके चलते मध्य प्रदेष और झारखण्ड के ऊपर कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन बना हुआ है। इसके प्रभाव से मध्य भारत में असमान बादलों से घिरा रहेगा। पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में हल्की वर्षा होने के आसार हैं। विदर्भ में भी छिटपुट बारिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां बने कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन और असम तथा उससे सटे मेघालय पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उत्तरी ओडिशा तथा पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।
दक्षिण भारत के मौसम को देखें तो यहां सोमवार को केरल में छिटपुट बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र कमज़ोर होकर चक्रवाती क्षेत्र बन जाएगा हालांकि धीरे-धीरे पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहे इस सिस्टम के प्रभाव से 16 फरवरी से तटीय भागों में अच्छी बारिश होने की संभावना है।