प्रायद्वीपीय भारत से पूर्वोत्तर मॉनसून का दौर आमतौर पर 31 दिसम्बर सम्पन्न हो जाता है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य इस वर्ष भी इसके सामान्य समय पर सम्पन्न होने के संकेत दे रहे हैं।
हालांकि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी भागों में बनी ट्रफ के चलते दक्षिणी भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। गुरूवार को दक्षिणी-तटवर्ती तमिलनाड़ु और दक्षिणी केरल में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने के आसार हैं।
शेष दक्षिणी राज्यों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहेगा।
उत्तर भारत के मौसम की बात करें तो एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के करीब पहुंचने वाला है। इसके चलते राज्य के पर्वतीय भागों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा या बर्फबारी हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है। इससे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बादल छाए रहने की संभावना है। हालांकि यह बारिश जैसी गतिविधियां नहीं देने वाला है।
उत्तराखण्ड पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पहले से ही बना हुआ है। लेकिन इसके प्रभाव से बारिश होने के आसार नहीं हैं।
उत्तर में इन मौसमी हलचलों के प्रभाव से मध्य प्रदेश पर बना एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन दक्षिण की तरफ खिसक गया है।
इसके प्रभाव से मध्य और पश्चिमी भारत के भागों में दिन का तापमान सामान्य से 5-8 डिग्री ऊपर चल रहा है। मुंबई सहित तटीय महाराष्ट्र में भी पारा सामान्य अधिक है। तापमान में अगले 2 दिनों तक किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है।
तापमान अधिक होने के कारण गंगा के मैदानी भागों और मध्य भारत में कोहरा कम ही रहेगा। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम कोहरा देखा जा सकता है।
पूर्वोत्तर राज्यों में त्रिपुरा और आसपास के भागों पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र चलते असम और अरूणाचल प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।