दक्षिणी अंडमान सागर में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में एक ट्रफ रेखा भी बनी हुई है। इन सिस्टमों के चलते अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में बारिश की तीव्रता में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं।
एक अन्य ट्रफ रेखा अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी भागों में लक्षद्वीप से मालदीव के बीच बनी हुई है। लक्षद्वीप में एक-दो स्थानों पर इस सिस्टम के चलते बारिश हो सकती है। हालांकि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में मौसम शुष्क बना रहेगा।
उत्तर भारत के मौसम का ज़िक्र करें तो यहाँ जम्मू कश्मीर के उत्तर में एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जिसके चलते जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर वर्षा होने या बर्फ पड़ने के आसार हैं।
उत्तर-पश्चिम भारत में हवाओं के रुख में बदलाव आया है। इन भागों में अब पूर्वी राज्यों से होते हुए पूर्वी हवाएँ चलने लगी हैं। दिल्ली सहित मैदानी भागों के न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
इस बीच महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओड़ीशा में रात के तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती हैं। हालांकि बढ़ोत्तरी के बावजूद यह सामान्य से नीचे ही बना रहेगा।
हवाओं में बदलाव के चलते कई जगहों पर कोहरा बढ़ने के आसार हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बेहद घना कोहरा छाने की संभावना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी मध्यम से घना कोहरा छा सकता है।
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