दक्षिण भारत में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तटीय श्रीलंका पर बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से तटीय तमिलनाडु की ओर बढ़ रही है। इन सिस्टम्स के चलते, तमिलनाडु पर कई दिनों के बाद मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना बनी है। इसके अलावा केरल, कर्नाटक, दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भी हल्की वर्षा हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत की ओर बढ़ें तो, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पूर्वी बांग्लादेश और उससे सटे त्रिपुरा पर बना हुआ है। इस सिस्टम के पास से एक ट्रफ रेखा भी गुज़र रही है। इसके चलते पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश होने की उम्मीद है। पूर्वी भारत में चल रही शुष्क उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री नीचे हैं। तटीय ओड़ीशा पर मध्यम कोहरा छाया रहेगा।
मध्य भारत में उत्तरी गुजरात और मध्य प्रदेश में भी शीतलहर चल रही है। विदर्भ, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कई भागों पर मध्यम कोहरा छाने संभावना है। हालांकि कोंकण-गोवा क्षेत्र में गर्म और नम पूर्वी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमानों में हल्की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
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उत्तर भारत में, पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर से आगे बढ़ चुका है। इसके अलावा मैदानी इलाकों पर उत्तर पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं जिनके कारण पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के अधिकांश भागों में शीतलहरों और बढ़ सकती है। इन भागों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की भी संभावना है।
दिल्ली में भी पारा सामान्य से 4 डिग्री नीचे पहुँच गया है। अब शीतलहर और बढ़ जाएगी। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खराब श्रेणी में ही बना रहेगा।
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