दक्षिण पश्चिम मॉनसून बीते 24 घंटों में सबसे अधिक प्रभावी दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में रहा। इन भागों में मूसलाधार वर्षा हुई है। बिहार, झारखंड और कोंकण गोवा में भी मॉनसून की सक्रियता के चलते अच्छी बारिश दर्ज की गई।
बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश वाले स्थानों पर ज़िक्र करें तो बंगलुरु में 129 मिलीमीटर की भारी वर्षा दर्ज की गई। बंकुरा में 109 और अगुम्बे में 109 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
बीते दिनों से बारिश मुख्यतः बिहार और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और असम तथा मेघालय में ही मुख्य रूप से सिमट गई है जिसके चलते देश भर में कुल वर्षा का आंकड़ा सामान्य से 3 प्रतिशत नीचे बना हुआ है। 14 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार मध्य भारत में 7 फीसदी और दक्षिण भारत में 16 प्रतिशत वर्षा कम हुई है। दूसरी ओर उत्तर पश्चिम भारत 6 प्रतिशत से जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत 3 प्रतिशत अधिक वर्षा से आगे है।
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इस बीच मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई क्षेत्रों से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है। पूर्व में मॉनसून ट्रफ पटना, बंकुरा और दिघा में केन्द्रित है।
अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी असम, नागालैंड और मिज़ोरम में मॉनसून सबसे अधिक प्रभावी रहेगा। इन भागों में मूसलाधार वर्षा जारी रहने की संभावना है। आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा और इन भागों में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है।
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पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा के कुछ हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में मॉनसून सामान्य रहेगा और कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।
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