दक्षिणी पाकिस्तान और आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। उत्तरी मध्य प्रदेश और उससे सटे दक्षिण पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र भी मौसम को प्रभावित कर रहा है।
इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव के चलते पूर्वी राजस्थान में मूसलाधार वर्षा होने का अनुमान है। गुजरात के कुछ भागों और पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से मध्य प्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश और झारखंड होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी अच्छी मॉनसूनी वर्षा हो सकती है।
गंगीय पश्चिम बंगाल पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर और पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ गया है। इसके प्रभाव से उत्तरी ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड में मूसलाधार वर्षा हो सकती है। छत्तीसगढ़ और बिहार में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। पूर्वोत्तर राज्यों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ कमजोर है। हालांकि इसके चलते दक्षिणी तटीय गुजरात, कोंकण-गोवा क्षेत्र, तटीय कर्नाटक और उत्तरी केरल में मध्यम वर्षा दर्ज की जा सकती है। महाराष्ट्र और प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में मॉनसून में सुस्ती बनी रहेगी और बारिश कम होगी।
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