मध्य भारत पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर हो गया है और इस समय निम्न दबाव के रूप में उत्तरी मध्य प्रदेश तथा उससे सटे उत्तर प्रदेश पर दिखाई दे रहा है।
इधर पश्चिम में गुजरात और उससे सटे दक्षिणी राजस्थान पर भी एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इन दोनों सिस्टमों को जोड़ते हुए मध्य प्रदेश, झारखंड और बंगाल की खाड़ी में दिखाई दे रही है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से गुजरात के कच्छ क्षेत्र, दक्षिण और पूर्वी राजस्थान तथा उत्तरी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में मध्यम बारिश होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है।
पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंतरिक ओड़ीशा में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की वर्षा दर्ज किए जाने का अनुमान है।
मध्य प्रदेश पर बने निम्न दबाव से एक ट्रफ उत्तरी तमिलनाडु तक बनी हुई है। इसके चलते बीते कई दिनों से बारिश से महरूम प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में मॉनसूनी बारिश की वापसी हो रही है।
विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में बुधवार को भी मध्यम मॉनसूनी बौछारें जारी रहने की संभावना है।
इस बीच पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून का कमजोर प्रदर्शन देखने को मिलेगा। जिससे देश के पूर्वी छोरों पर बारिश में कमी रहेगी।
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