गंगीय पश्चिम बंगाल और उससे बांग्लादेश पर बना डीप डिप्रेशन धीरे-धीरे कमज़ोर होगा और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके प्रभाव से उत्तरी ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और दक्षिणी बिहार में भीषण बारिश होने की आशंका है।
इस बीच पूर्वी राजस्थान पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र भी आगे बढ़ते हुए राज्य के उत्तरी भागों पर पहुँच गया है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय निम्न दबाव के बीच से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और डिप्रेशन के बीच से बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से राजस्थान के उत्तरी और पूर्वी भागों तथा दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
इस बीच जम्मू कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ राज्य से आगे निकल रहा है। यह सिस्टम जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम वर्षा दे सकता है। उत्तराखंड में एक-दो जगहों पर भारी बारिश भी होने का अनुमान है।
पंजाब के उत्तरी भागों, हरियाणा और दिल्ली में बृहस्पतिवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जा सकती है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ इस समय बहुत प्रभावी नहीं है। हालांकि इसके चलते मुंबई सहित कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहने का अनुमान है।
दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में मौसम शुष्क बना रहेगा। हालांकि एक-दो स्थानों पर हल्की बौछारें गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
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