उत्तर भारत में पहले से बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है। हालांकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के पर्वतीय क्षेत्रों को कल से प्रभावित करना शुरू करेगा। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के कुछ हिस्सों में वर्षा और बर्फबारी होने के आसार हैं।
पंजाब और हरियाणा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से तराई वाले भागों में मेघगर्जना हो सकती है। उत्तर भारत में 7 अप्रैल तक इन दोनों मौसमी सिस्टमों का असर बना रहेगा। इस दौरान पठानकोट, जालंधर, अमृतसर और अंबाला जैसे शहरों में गरज के साथ होने वाली बारिश के चलते तेज़ गर्मी से कुछ राहत मिलेगी। हम कह सकते हैं कि दिल्ली तथा आसपास के शहरों में भी बारिश की कुछ उम्मीद बन रही है।
बंग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से असम के दक्षिण पूर्वी भागों, त्रिपुरा, मिज़ोरम और मेघालय में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी।
यहां बने इस ट्रफ के प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखण्ड और इससे सटे छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की जा सकती है।
मध्य और दक्षिणी राज्यों के मौसम का हाल देखें तो विदर्भ से केरल तक एक ट्रफ बनी हुई है। इसके प्रभाव से विदर्भ, कर्नाटक, केरल, रॉयलसीमा और तेलंगाना में इस रेखा के आसपास वाले क्षेत्रों में हल्की वर्षा हो सकती है।
लेकिन मध्य और दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में दिन में लू से राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इन भागों में बारिश की गतिविधियाँ दोपहर के बाद या शाम के समय ही देखने को मिलेंगी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में दिन में पारा 40 डिग्री के ऊपर ही बना रहेगा।
महाराष्ट्र में अकोला बीते 3 दिनों से देश के सबसे गर्म शहरों में सुमार है। यहां तापमान बढ़ते हुए 44 डिग्री तक पहुंच गया है।