दुनिया भर में वर्ष 2016 को सबसे गर्म साल के रूप में देखा जा रहा है। भारत के संदर्भ में भी मौसम कुछ यही कहानी कह रहा है। दक्षिण और मध्य भारत के बाद दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भाग भी समय से पहले लू की गिरफ्त में आ गए हैं।
इस बची जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश जारी रहेगी। हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में जबकि उत्तराखण्ड में एक-दो जगह वर्षा दर्ज की जा सकती है।
मैदानी भागों पर पहुंचे चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से पंजाब और हरियाणा के उत्तरी भागों में एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उत्तरी राजस्थान और दिल्ली तथा आसपास के शहरों में भी मौसम का मिजाज़ कुछ ऐसा ही रहने के आसार हैं।
इन भागों में आ रही गर्म दक्षिण-पूर्वी हवाओं के चलते लू जैसे हालात बने हुए हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि अब हवाएं बदलकर उत्तर-पश्चिमी हो जाएंगी जिससे दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में भीषण गर्मी से कुछ राहत ज़रूर मिलेगी।
बंग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल पर एक प्रभावी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। जिसके प्रभाव से पूर्वोत्तर राज्यों में मंगलवार को भी बारिश की गतिविधियाँ बनी रहेंगी। दक्षिण पूर्वी असम, त्रिपुरा, मिज़ोरम और मेघालय में अच्छी वर्षा हो सकती है।
इस सिस्टम से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके आसपास के भागों में बादलों की गर्जना होने के आसार हैं।
इसके अलावा मध्य प्रदेश से केरल तक भी एक ट्रफ बनी हुई है। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में इस रेखा के आसपास के हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है।
मध्य प्रदेश के कुछ भागों, राजस्थान और महाराष्ट्र में लू का प्रकोप मंगलवार को भी जारी रहेगा। इन भागों में संभावित मौसमी बदलाव दोपहर बाद या षाम के समय होगा जिससे दिन में भीषण गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं।