पिछले कई सप्ताह ऐसे बीते हैं जब उत्तर भारत के पर्वतीय भागों में बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई है। निरंतर आने वाले पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से गुलमर्ग और पहलगाम जैसी जगहों पर पर्यटकों ने बारिश और बर्फबारी का भरपूर लुत्फ उठाया। लेकिन वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार इस सप्ताह के अंत तक कोई मौसमी हलचल संभावित नहीं है।
पहाड़ों पर शुष्क मौसम का असर मैदानी भागों में बढ़ते तापमान के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली में पारा 40°C के पार जा चुका है। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में यह पूरा सप्ताह गर्म और शुष्क बना रहेगा। लेकिन लू चलने की आशंका कम है।
पूर्वोत्तर राज्यों में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से कुछ स्थानों पर बारिश जारी रहने के आसार हैं। निचले असम और मेघालय में मध्यम बारिश जबकि शेष भागों में हल्की वर्षा की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं के चलते यह सिस्टम लगातार प्रभावी बना हुआ है।
इधर पश्चिम बंगाल से आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इस मौसमी सिस्टम के चलते पश्चिम बंगाल के तटीय भागों, आंतरिक ओड़ीशा, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है।
मराठवाड़ा से तमिलनाड़ु तक विंड डिस्कन्टीन्यूटी का प्रभाव बना रहेगा। अनुमान है कि मराठवाड़, केरल, कर्नाटक और तमिलनाड़ु में इसके आसपास वाले क्षेत्रों में गुरूवार को हल्की वर्षा होगी। हैदराबाद में अगले 2 दिनों के दौरान बारिश दर्ज की जा सकती है। हालांकि प्रायद्वीपीय भारत में छिटपुट बारिश की इन गतिविधियों से भीषण गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है।
पश्चिम और मध्य भारत में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। हालांकि गुजरात में सामान्य के आसपास चल रहे तापमान से गर्मी से राहत बनी हुई है। बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना और रायलसीमा में पारा 40°C के पार रहेगा।