इधर उत्तर भारत में पश्चिम से आ रही हवाओं के बीच मौसम शुष्क बना रहेगा। उत्तर भारत के करीब एक कमज़ोर पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। जिसके प्रभाव से पर्वतीय राज्यों में बादल छा सकते हैं और जम्मू कश्मीर के ऊँचे पर्वतीय स्थानों पर हल्की वर्षा या बर्फबारी दर्ज की जा सकती है।
जबकि मैदानी भागों में साफ आसमान और हल्की शुष्क हवाओं के बीच तापमान में बढ़ोत्तरी का क्रम शुरू होगा। जल्द ही दिल्ली और आसपास के भागों में पार 40°C के पास पहुंचेगा। अच्छी खबर यह है कि अगले सप्ताह के शुरुआती दिनों में मैदानी राज्यों में अच्छी प्री-मॉनसूनी गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
नागालैण्ड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में बारिश कम होने से बाढ़ से कुछ राहत मिली है। लेकिन निचले असम और मेघालय में गरज के साथ बारिश जारी रहेगी। हालांकि चिंता की बात यह है कि अगले कुछ दिनों में पूर्वोत्तर राज्यों में फिर से बारिश ज़ोर पकड़ेगी। इस बीच बारिश के चलते यहां अधिकतम तापमान 30°C से और न्यूनतम तापमान 20°C से नीचे बना हुआ है जिससे मौसम सुहावना रहेगा।
इस सिस्टम से एक ट्रफ तेलंगाना तक बनी हुई है। अनुमान है कि इसके प्रभाव से तटीय ओड़ीशा और तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की वर्षा दर्ज की जाएगी।
महाराष्ट्र से कोमोरिन तक विंड डिस्कन्टीन्यूटी बनी हुई है। केरल और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में हल्की वर्षा हो सकती है। रायलसीमा और तेलंगाना तथा आसपास के भागों में जारी भीषण गर्मी से मौसम कोई राहत देने वाला नहीं है।
बाकी भागों में लू की बात करें तो तटीय ओड़ीशा में तापमान में हल्की कमी होगी। लेकिन ओड़ीशा के बाकी भागों, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना और रायलसीमा में लू से राहत मिलने की संभावना नहीं है।