उत्तर भारत में बना एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ अब पूर्वी दिशा में निकल रहा है। हालांकि इसके बाद ही एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी आ रहा है जो 26 अप्रैल से पर्वतीय राज्यों को प्रभावित कर सकता है। अनुमान है कि बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों में गरज के साथ हल्की बारिश दर्ज की जाएगी।
मैदानी राज्यों का मौसम देखें तो पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तरी राजस्थान और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है।
हालांकि यह सिस्टम मैदानी राज्यों में मौसम में विशेष बदलाव का कारण नहीं बनेंगे। लेकिन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और आसपास के हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहेंगे और अगले 2 दिनों के दौरान तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिलेगी।
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पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों के मौसम का जिक्र करें तो समूचे पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ बौछारें कल भी जारी रह सकती हैं।
कोलकाता सहित गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार में एक-दो स्थानों पर प्री-मॉनसून बारिश होने की संभावना है।
मध्य भारत में इस समय अधिकांश इलाके सूखे और बेहद गर्म मौसम का सामना कर रहे हैं। गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश और मराठवाड़ा में कल लोगों को लू से संघर्ष करना पड़ सकता है। हालांकि उत्तर प्रदेश से मध्य भारत होते हुए तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। लेकिन यह मध्य भारत में पर्याप्त नमी को आकर्षित नहीं कर पा रही जिससे यहां मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
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लू का प्रकोप मध्य भारत से आगे बढ़ते हुए तेलंगाना तक पहुंच गया है। इसके अलावा उत्तरी कर्नाटक और रायलसीमा के भी कुछ इलाके इसकी चपेट में आ गए हैं। इन भागों में तापमान 40 डिग्री को पार कर गया है। कल भी इन भागों में लू जैसी स्थितियां बन सकती हैं।
जबकि आंध्र प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा बंगलुरु सहित शेष दक्षिणी राज्यों में कुछ स्थानों पर गर्जना के साथ हल्की वर्षा हो सकती है। दूसरी ओर चेन्नई में मौसम शुष्क और गर्म बना रहेगा। हैदराबाद में कल हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।
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