इस साल अगस्त में शायद ही कोई ऐसा दिन रहा हो जब मध्य भारत पर मॉनसून में हलचल ना हुई हो। मॉनसून की गतिविधियां एक बार फिर से बढ़ने वाली हैं क्योंकि बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव मध्य भारत की तरफ आ रहा है। मॉनसून ट्रफ भी सक्रिय है।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ के कुछ भागों में बारिश शुरू हो जाएगी। कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।
दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, गुजरात के कुछ हिस्सों और कोंकण-गोवा क्षेत्र में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
लेकिन मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में मॉनसून कमजोर बना रहेगा। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कहीं-कहीं हल्की वर्षा के आसार हैं।
निम्न दबाव का प्रभाव पूर्वी भारत पर भी होगा। उम्मीद है कि ओडिशा और झारखंड में कुछ स्थानों पर बारिश जारी रहेगी। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
जबकि कोलकाता सहित गंगीय पश्चिम बंगाल में मॉनसून सुस्त हो जाएगा क्योंकि निम्न दबाव यहाँ से दूर चला जाएगा।
असम, मेघालय और नागालैंड में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बहुत प्रभावी नहीं होगा मॉनसून। सिर्फ एक-दो स्थानों पर होगी बारिश।
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दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट पर भी बारिश में कमी आने की संभावना है। यानि केरल में जहां बारिश तेज़ हो रही थी अब लोग राहत महसूस करेंगे।
उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में अच्छी बारिश के आसार हैं। हैदराबाद सहित तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भागों पर समुद्र में हलचल काफी है। इससे अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मॉनसून सक्रिय रहेगा और भारी बारिश जारी रहेगी।
आखिर में उत्तर भारत का ज़िक्र!
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश तो हो सकती है लेकिन जम्मू कश्मीर और लद्दाख में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा।
पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक-दो जगहों पर हल्की वर्षा के आसार हैं। जबकि हरियाणा और दिल्ली में दोपहर के बाद एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना के आसार हैं। उत्तर भारत में अगले 24 घंटों तक गर्मी झेलनी पड़ेगी। उसके बाद मॉनसून मेहरबान होगा।
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