मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई क्षेत्रों में फिर से पहुंच गई है। जिसके चलते असम, बिहार और उत्तर प्रदेश में भीषण वर्षा और बाढ़ की आशंका है। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से लखीमपुर खीरी तक, बिहार में पश्चिमी चंपारण से सुपौल तक भीषण वर्षा होगी। नदियां उफान पर होंगी।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पंजाब से पूर्वी असम तक बनी हुई है। तराई क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ की हवाओं का भी साथ मिल रहा है जिससे मॉनसून ट्रफ उग्र हो गई है।
असम में बीते 2 दिनों से भारी वर्षा हो रही है। राज्य के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। फिलहाल असम के ग्वालपाड़ा में 114 मिलीमीटर, तेज़पुर 87, मजबत में 82, उत्तरी लखीमपुर में 70, मोहनबाड़ी में 54 और रंगिया में 53 मिलीमीटर की भीषण बारिश बीते 24 घंटों में हुई है।
बारिश का यह प्रचंड प्रकोप अब बिहार के ऊपर दिखेगा। अगले कुछ घंटों में उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र भी भीषण मॉनसून वर्षा की चपेट में आ सकते हैं।
[yuzo_related]
स्काइमेट का आंकलन है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में अगले 24 से 48 घंटों तक भीषण बारिश दर्ज की जाएगी। नेपाल में हो रही भारी बारिश का पानी भी नदियों के रास्ते दोनों राज्यों में कहर बन कर पहुँच सकता है। बिहार में भीषण वर्षा से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। सुपौल, किशनगंज, अररिया, पुर्णिया और भागलपुर में भी मूसलाधार बारिश का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में महराजगंज, कुशीनगर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर सहित आसपास के कई इलाकों में मूसलाधार वर्षा होने की आशंका स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक जता रहे हैं।
Live status of Lightning and thunder
मॉनसून के रौद्र रूप का असर उत्तर प्रदेश में घाघरा, शारदा, गोमती और राप्ती नदियों में भी दिखाई देगा। सरयू नदी में पानी बढ़ने से फ़ैज़ाबाद सहित कई निचले इलाके भी बाढ़ की ज़द में आ सकते हैं। मूसलाधार वर्षा और नदियों में उफान के कारण कई इलाकों में बाढ़ की पूरी आशंका है। अगले दो-तीन दिनों के दौरान गाँव, खेत-खलिहान जलमग्न हो सकते हैं।
भीषण वर्षा और बाढ़ की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्रों में बेहद सतर्कता की आवश्यकता है। जान माल के नुकसान सहित किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पहले से ही तैयार रहना होगा।
Please Note: Any information picked from here should be attributed to skymetweather.com