एग्रो एड्वाइज़री के इस अंक में बात खुशबूदार मसलों में एक जीरे से जुड़ी।
भारत में इस समय मंडियों में जीरे की आवक शुरू हो चुकी है। जीरे की आवक सबसे अधिक मार्च और अप्रैल में होती है। इस बार अच्छे उत्पादन के अनुमानों के बीच इसकी कीमतों में दबाव रहने की संभावना है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइसेज़ स्टेकहोल्डर्स यानि FISS ने राजस्थान के उदयपुर में सोमवार को एक सम्मेलन किया जिसमें अनुमान लगाया गया कि इस बार भारत में 58.32 लाख बैग जीरे का उत्पादन हो सकता है। बीते वर्ष 42.08 लाख बैग जीरे का उत्पादन हुआ था।
दुनिया में सबसे अधिक जीरे का उत्पादन भारत में होता है। भारत के बाद बड़े उत्पादकों में ईरान, तुर्की और सीरिया आते हैं लेकिन बीते कई वर्षों की राजनीतिक अस्थिरता के चलते भारत इसके उत्पादन और निर्यात दोनों में अगुआ बना हुआ है।
इस साल भी वैश्विक बाज़ार में भारतीय जीरे की मांग तेज़ रहेगी। अनुमान है कि भारत 1 लाख टन जीरे का निर्यात कर सकता है।
देश में लगभग 7.5 लाख हेक्टेयर में इस खुशबूदार मसाले की खेती की जाती है। और सबसे अधिक खेती करने वाले राज्य हैं गुजरात और राजस्थान।
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