एग्रो एड्वाइज़री के इस अंक में बात गन्ने और चीनी के उत्पादन से जुड़ी । देश में बीते वर्षों के सूखे के चलते पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में गन्ना उत्पादन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है जिससे चीनी के उत्पादन में भी कमी आई है।
भारतीय चीनी मिल संघ ने 2 मार्च को एक रिपोर्ट जारी की है। जिसके अनुसार वर्तमान चीनी वर्ष में भारत में 28 फरवरी तक 162.45 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले चीनी वर्ष में 28 फरवरी तक 37 लाख टन अधिक 199.43 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्रतिकूल मौसम के चलते गन्ने की उत्पादकता घटने से भी चीनी का उत्पादन कम हो रहा है। साथ ही इस समय देश में पिछले वर्ष की 390 मिलों के मुक़ाबले 257 मिलों में गन्ने की पेराइ हो रही है। कई मिलों में गन्ने की पेराइ बंद होने को भी चीनी के उत्पादन में गिरवाट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
उत्पादन में सबसे अधिक उतार चढ़ाव उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी तक पिछले वर्ष के 53 लाख टन के मुक़ाबले इस बार 17 प्रतिशत अधिक 62 लाख उत्पादन हुआ है। दूसरी ओर महाराष्ट्र में अब तक पिछले साल 70 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था जबकि इस बार 30 लाख टन कम लगभग 41 लाख टन ही उत्पादन हुआ है।
देश भर में 28 फरवरी तक 37 लाख टन कम चीनी उत्पादन की खबरों के बीच इसकी कीमतों में बढ़ोत्तरी का रुझान देखने को मिलने लगा है, जिससे उपभोक्ताओं के माथे पर चिंता लकीरें दिखना स्वाभाविक है।
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