दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में 30 मई को पहुँच गया। इसके साथ ही देश भर में दक्षिण मॉनसून का इंतज़ार शुरू हो गया है। मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय कोच्चि, टोंडी, आइज़ोल, कोहिमा और देवमाली तक पहुँच गई है। केरल में मॉनसून की कुछ और प्रगति हुई है।
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बंगलुरु सहित कर्नाटक के कई हिस्सों में 1 से 3 जून के बीच मॉनसून पहुँच सकता है। इसी समय गुवाहाटी सहित पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों में भी मॉनसून का आगाज़ होने के आसार हैं। गोवा और हैदराबाद सहित तेलंगाना तथा आंध्र में मॉनसून का आरंभ 5-6 जून के बीच होने की संभावना है। सामान्य गति से आगे बढ़ते हुए मॉनसून महाराष्ट्र के मुंबई, नागपुर तथा कोलकाता और भुवनेश्वर सहित ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में 7 जून 10 जून के बीच पहुँच सकता है।
कुछ और हिस्सों में मॉनसून का इंतज़ार 12 से 16 जून के बीच खत्म होगा जब यह भोपाल और पटना सहित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में दस्तक दे सकता है। अहमदाबाद, इलाहाबाद, वाराणसी सहित गुजरात तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के भागों में 16 से 17 जून के बीच मॉनसून के पहुँचने की संभावना है। वहीं लखनऊ में 20 से 22 जून के बीच मॉनसून पहुँच सकता है। देश की राजधानी दिल्ली, आगरा और जयपुर के साथ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 24 से 28 जून के बीच में मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है।
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राजस्थान के बाकी हिस्सों, पंजाब और हरियाणा में जुलाई के पहले सप्ताह में मॉनसून के पहुँचने की संभावना जताई जा रही है। 15 जुलाई तक मॉनसून देश के लगभग सभी हिस्सों में पहुँच जाएगा।
स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष मॉनसून सामान्य के आसपास रहेगा। लगभग 95 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है।
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