वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा फिरोजपुर, करनाल, मेरठ, ओराई, सतना, अंबिकापुर, डिप्रेशन के केंद्र, बालासोर और बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से गुजर रही है।
नतीजतन, मॉनसून तटीय ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वी मध्य प्रदेश और दक्षिणपूर्व राजस्थान पर ज़ोरों पर रहा।
चांदबाली से प्रमुख वर्षा का योगदान आया और यहाँ 130 मिमी बारिश दर्ज़ की गयी, वहीँ दार्जिलिंग में 99 मिमी और कालीम्पोंग में 93 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी।
6 सितंबर को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 7% की कमी है। क्षत्रिय वितरण के बारे में बात करें तो पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 24%की कमी है, उत्तर पश्चिमी भारत में 3% की कमी, मध्य भारत में 2 प्रतिशत की कमी और दक्षिण प्रायद्वीप एकमात्र क्षेत्र है जहाँ बारिश 5% अधिक हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी मध्य प्रदेश पर मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा और यहाँ भारी वर्षा की उम्मीद है।
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वहीँ मॉनसून पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और दक्षिण उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहेगा, जिससे इन हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की उम्मीद है, एक दो स्थानों पर भारी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता।
इसी बीच, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्व-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों सहित पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य मॉनसून की स्थिति होगी जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
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