वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा अमृतसर, अंबाला, बरेली, बहराइच, पटना, धनबाद, बांकुरा, अवसाद का केंद्र और बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से गुज़र रही है। नतीजतन, मॉनसून ओडिशा पर ज़ोरों पर रहा, जबकि सक्रिय मानसून उत्तर प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी जिलों, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में देखी गयी।
उड़ीसा से प्रमुख बारिश का योगदान आया जहां परदीप में 412 मिमी की भारी वर्षा दर्ज की गई, इसके बाद चंदबाली 193 मिमी, कटक में 105 मिमी और भुवनेश्वर में 98 मिमी दर्ज की गई।
5 सितंबर को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 7% की कमी आ गयी है। क्षेत्रीय वर्षा के आंकड़े की बात की जाए तो पूर्व और पूर्वोत्तर भारत 24% की कमी के साथ सबसे काम बारिश वाला क्षेत्र है, उत्तर-पश्चिम भारत में 3% की कमी है, मध्य भारत में बारिश की कमी 2 प्रतिशत है और दक्षिण प्रायद्वीप 6% पर एकमात्र क्षेत्र है जहाँ अधिक वर्षा हुई है।
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अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तर ओडिशा और छत्तीसगढ़ पर मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा और यहाँ भारी बारिश की उम्मीद है। वहीँ, मॉनसून गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, दक्षिणपूर्व उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ के कुछ हिस्सों और उत्तर तेलंगाना में सक्रिय रहेगा जिससे इन हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक दो स्थानों पर भारी वर्षा देखने को मिल सकती है।
इस बीच, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मध्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पर सामान्य मॉनसून की स्थिति देखने को मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
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