वर्तमान में मॉनसून की अक्षीय रेखा फिरोजपुर, सोनीपत, मेरठ, हरदोई, वाराणसी, पटना, बर्धमान, हल्दिया और बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से गुज़र रही है। नतीजतन मॉनसून दक्षिणपूर्व राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर ज़ोरों पर रहा। जबकि, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के हिस्सों, विदर्भ के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में सक्रिय मॉनसून की स्थिति जारी रही।
सवाई माधोपुर से वर्षा का सबसे अधिक योगदान आया और यहाँ 240 मिमी वर्षा दर्ज की गई, इसके बाद पासीघाट में 112 मिमी, लांग आइलैंड में 101 मिमी और मसूरी में 94 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
2 सितंबर को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 6% की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश 7% अधिक है, मध्य भारत में केवल 1% की कमी है। जबकि, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 24% कम और उत्तर-पश्चिम भारत में 4% कम वर्षा हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तर मध्य प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति संभव है। इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है ।
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इस बीच सामान्य मॉनसून की स्थिति पूर्वोत्तर राज्यों, ओडिशा, मध्य प्रदेश के हिस्सों, कोंकण और गोवा, दिल्ली, हरियाणा के हिस्सों, उत्तर पंजाब और हिमाचल प्रदेश पर चल रही है। इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमज़ोर रहेगा।
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