मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पश्चिम से पूर्वी भारत तक हिमालय के तराई इलाकों में बनी हुई है। इसके साथ ही, पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में जोरदार रहा। साथ ही, हिमाचल प्रदेश में भी सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई।
पिछले 24 घंटों में, मेघालय के चेरापुंजी में 126 मिमी की मूसलाधार बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा जलपाईगुड़ी में 83 मिमी, पासीघाट 74 मिमी और कूच बिहार 54 मिमी बारिश हुई।
देश भर में मॉनसून के प्रदर्शन की बात करें तो 13 सितंबर को भी बारिश में कमी 8 प्रतिशत पर बनी हुई है। देश के चारों प्रमुख भागों में महज़ दक्षिण भारत में सामान्य से 2% अधिक बारिश हुई है। जबकि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में 4% कम और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में 23% कम के स्तर पर बनी हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा, उत्तर प्रदेश के पूर्वी और तराई क्षेत्रों, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य मॉनसून वर्षा जारी रह सकती है।
झारखंड के कुछ भागों, उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, रायलसीमा के कुछ हिस्सों, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में भी इसी तरह की वर्षा गतिविधियां देखी जा सकती हैं।
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इस बीच, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा और तटीय आंध्र प्रदेश में मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर रहेगा लेकिन कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा देखी जा सकती है। दक्षिणी हरियाणा, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और गुजरात के सभी भागों में मॉनसून की बेरुखी के बीच बारिश की उम्मीद बहुत कम है।
मॉनसून जल्द ही वापसी की राह पर लौट सकता है। शुरुआत राजस्थान से होगी।
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