पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून कहीं सक्रिय तो कहीं सुस्त रहा। सबसे अधिक मॉनसूनी सक्रियता हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर-पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और लक्षद्वीप में रही। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। पूर्वोत्तर भारत, हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल, सिक्किम, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक और केरल में मॉनसून सामान्य रहा और हल्की से मध्यम बौछारें दर्ज की गईं।
पिछले 24 घंटों के दौरान मेरठ में सबसे अधिक 62 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। रांची में 53 और सतना में 49 मिलीमीटर बारिश हुई।
मॉनसून में सुस्ती के चलते बारिश में कमी का आंकड़ा ऊपर जा रहा है। 6 सितंबर तक देश भर में कुल वर्षा सामान्य से 5 प्रतिशत नीचे पहुँच गई है। इसमें आप आंकड़े देख सकते हैं, उत्तर, मध्य और दक्षिण भारत पीछे हैं जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य वर्षा हुई है।
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मॉनसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की तरफ आई है और इस समय यह हिसार, दिल्ली, हरदोई, गोरखपुर और मुजफ्फरपुर होते हुए पूर्वी असम तक बनी हुई है।
इस बीच अगले 24 घंटों के दौरान केरल, आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय रहेगा और इन भागों में भारी बौछारें दर्ज की जा सकती हैं। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
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दूसरी ओर छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा के कुछ भागों, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों, तटीय कर्नाटक और कोंकण गोवा क्षेत्र में सामान्य मॉनसून वर्षा होने के आसार हैं। देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून सुस्त रहेगा।
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