मॉनसून काफी समय बाद दक्षिण भारत में सक्रिय हुआ है। जबकि देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून की सुस्ती से चिंता बढ़ गई है। फिलहाल पिछले 24 घंटों के दौरान तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और अरुणाचल प्रदेश के कई भागों में जमकर बरसा है मॉनसून। इसके अलावा महाराष्ट्र और दक्षिणी मध्य प्रदेश में भी मॉनसून सक्रिय रहा और मध्यम बौछारें दर्ज की गईं। पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और हिमालय प्रदेश में सामान्य मॉनसून के बीच हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
बीते 24 घंटों के दौरान चेरापुंजी में सबसे अधिक 168 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पंबन में 113 और पासीघाट में 109 मिलीमीटर वर्षा हुई।
8 सितंबर तक देश भर में कुल बारिश का आंकड़ा सामान्य से 5 प्रतिशत नीचे बना हुआ है। देश के अलग-अलग हिस्सों की अगर बात करें तो उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 6 प्रतिशत कम, मध्य भारत में 9 फीसदी कम और दक्षिण भारत में 3 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुँच गई है। पूर्व में यह असम तक विस्तृत है।
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अलगे 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सबसे अधिक सक्रिय तमिलनाडु, दक्षिणी और तटीय कर्नाटक, केरल तथा मध्य महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में रहेगा। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। महाराष्ट्र के शेष हिस्सों, रायलसीमा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और दक्षिणी मध्य प्रदेश में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा और हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
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हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर और पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सामान्य मॉनसून के बीच हल्की वर्षा होने की संभावना है।
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