जैसा कि अनुमान लगाया गया था, पिछले कुछ दिनों से मॉनसून आगे नहीं बढ़ा है और मॉनसून की उत्तरी सीमा यानी एनएलएम अभी भी मुंबई, अहमदनगर, बुलढाणा, गोंदिया, तितलागढ़, कटक, मिदनापुर और बागडोगरा में बनी हुई है।
स्काईमेट का अनुमान है कि अगले कुछ और दिनों तक मॉनसून प्रगति नहीं करेगा।
पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के प्रदर्शन का जिक्र करें तो कोंकण-गोवा के साथ-साथ अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में मॉनसून प्रभावी रहा और इन भागों में भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
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पूर्वोत्तर भारत के शेष राज्यों, कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में भी मॉनसून का सामान्य प्रदर्शन देखने को मिला।
जबकि महाराष्ट्र, आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में मॉनसूनी बारिश ना के बराबर हुई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा चेरापूंजी में 127 मीटर हुई। अलीबाग में 115 और रत्नागिरी में 107 मिलीमीटर बारिश हुई।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का सबसे अच्छा प्रदर्शन दक्षिणी कोकण-गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल के अलावा असम तथा मेघालय में पिछले 24 घंटों की तरह ही जारी रहेगा। इन भागों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में सामान्य मॉनसून के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
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लेकिन मॉनसून में आई सुस्ती के बीच महाराष्ट्र, कर्नाटक के आंतरिक हिस्सों, तमिलनाडु, रायलसीमा, तेलंगाना, ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में मॉनसून कमजोर रहेगा। इन भागों में बारिश के आसार फिलहाल बहुत कम हैं।
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