मॉनसूनी हवाएँ सुस्त पड़ गई हैं जिसके चलते अगले कुछ दिनों तक इसके आगे बढ़ने की संभावना फिलहाल नहीं है। आज भी मॉनसून की उत्तरी सीमा बीते दो-तीन दिनों की तरह मुंबई, अहमदनगर, अमरावती, तितलागढ़, मिदनापुर, ग्वालपाड़ा और बागडोगरा में बनी हुई है।
बीते 24 घंटों के दौरान मॉनसून का व्यापक प्रदर्शन पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में देखने को मिला। इन भागों में मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई। पश्चिम बंगाल, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु, लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में भी सामान्य मॉनसून वर्षा दर्ज की गई है।
इस दौरान सबसे अधिक बारिश ग्वालपाड़ा में 121 मिलीमीटर हुई। सिलचर में 85 और लेंगपुई में 81 मिलीमीटर वर्षा हुई।
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पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में सामान्य से 2% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। लेकिन मॉनसून में सुस्ती और देशभर में बारिश में कमी के बीच 1 जून से अब तक सामान्य से 16% अधिक बारिश हुई है।
दक्षिणी राज्यों में 73 प्रतिशत अधिक और मध्य भारत में 43% अधिक वर्षा हुई है। दूसरी ओर उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 16 फ़ीसदी कम और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से 24 डिग्री कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
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अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के प्रदर्शन का जिक्र करें तो दक्षिणी कोकण गोवा, कर्नाटक, केरल के अलावा उप-हिमालय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून सक्रिय रहेगा और इन भागों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ भारी वर्षा हो सकती है। महाराष्ट्र के उत्तरी कोंकण क्षेत्र, विदर्भ, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप में सामान्य मॉनसून के चलते हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, मराठवाड़ा और महाराष्ट्र में मॉनसून कमजोर रहेगा जिससे बारिश में कमी देखने को मिलेगी।
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