दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में आज भी प्रगति हुई और यह ओड़ीशा के कुछ और भागों, गंगीय पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर भारत के लगभग सभी हिस्सों में पहुँच गया है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा पश्चिम में अपनी जगह पर यानि मुंबई, अहमदनगर, गोंदिया में बनी हुई है। जबकि पूर्व में कटक, मिदनापुर और बागडोगरा तक आगे बढ़ गई है। इस बीच मॉनसूनी हवाएँ अब सुस्त हो रही हैं जिससे अगले कुछ दिनों तक मॉनसून की रफ्तार में ब्रेक लगने की आशंका है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित उत्तर-पश्चिम भारत में मॉनसून के लिए अभी लंबी प्रतीक्षा करनी होगी।
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मॉनसून पिछले 24 घंटों के दौरान मिज़ोरम में सबसे अधिक प्रभावी रहा। केरल, तटीय कर्नाटक और दक्षिणी कोंकण गोवा में भी सक्रिय मॉनसून के चलते अच्छी बारिश हुई। पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा और तेलंगाना में सामान्य मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई।
प्रमुख वर्षा वाले स्थानों का ज़िक्र करें तो आइज़ोल में मूसलाधार 148 मिलीमीटर वर्षा हुई। कैलाशहर में 137 मिमी और लेंगपुर में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई।
पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। इसके चलते कुल बारिश का आंकड़ा बढ़कर सामान्य से 18 प्रतिशत ऊपर पहुँच गया है।
दक्षिण भारत में 82 फीसदी अधिक, मध्य भारत में 72 प्रतिशत अधिक और उत्तर-पश्चिम भारत में 9 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से 50 फीसदी कम बारिश हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के प्रदर्शन का ज़िक्र करें तो पूर्वोत्तर में नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में भारी मॉनसून वर्षा होने की संभावना है।
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पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों, ओड़ीशा, विदर्भ और मराठवाड़ा में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा और अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है।
कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में सामान्य मॉनसून वर्षा होने की संभावना है। दूसरी ओर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप में मॉनसून के कमजोर रहने का अनुमान है।
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