दक्षिण पश्चिम मॉनसून सोमवार को आगे बढ़ते हुए मराठवाड़ा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय के कुछ भागों में पहुंच गया।
मॉनसून अब तक अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ा है, और इस समय इसकी उत्तरी सीमा रेखा मुंबई, अहमदनगर, पुरी, कोलकाता और उत्तरी लखीमपुर पर है।
अगले दो दिनों के दौरान ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के भागों में और आगे बढ़ेगा।
पिछले 24 घंटों के दौरान कोंकण क्षेत्र में मॉनसून व्यापक रूप में प्रभावी रहा और भारी वर्षा हुई।
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दूसरी ओर केरल, तेलंगाना, महाराष्ट्र के शेष भागों तथा ओड़ीशा में सामान्य मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई है। पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून सामान्य रहा।
प्रमुख वर्षा वाले स्थानों का जिक्र करें तो पिछले 24 घंटों में रत्नागिरी में सबसे अधिक 163 मिलीमीटर की मुसलाधार वर्षा हुई।
वेंगुर्ला में 126 और महाबलेश्वर में 76 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
देशभर में बीते 24 घंटों के दौरान सामान्य से 76 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। इसके चलते बारिश के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई और 10 जून तक देशभर में कुल वर्षा का आंकड़ा सामान्य से 15 प्रतिशत ऊपर पहुंच गया।
क्षेत्रीय वर्षा की बात करें तो दक्षिण भारत में सामान्य से 74 प्रतिशत अधिक, मध्य भारत में सामान्य से 68 फीसदी अधिक और उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है।
हालांकि पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में बारिश में 49 प्रतिशत की कमी रही।
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इस बीच आगामी 24 घंटों के दौरान मॉनसून की व्यापक सक्रियता तटीय कर्नाटक, दक्षिणी कोकण और गोवा, केरल, विदर्भ मराठवाड़ा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में देखने को मिलेगी और इन भागों में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है।
तटीय ओड़ीशा और शेष पूर्वोत्तर भारत में सामान्य मॉनसून वर्षा होने के आसार हैं। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में मॉनसून कुछ कमज़ोर होगा जिससे इन भागों में बारिश में कमी देखने को मिल सकती है।
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