बंगाल की खाड़ी में एक मौसमी सिस्टम बन रहा है जिसकी वजह से मॉनसून की अक्षीय रेखा नीचे आ गई है। मॉनसून ट्रफ पश्चिमी में अनुपगढ़, हिसार, मेरठ और बहराइच से होकर गुज़र रही है, जबकि पूर्वी सिरा हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, दक्षिणी गुजरात, कोंकण, सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में मानसून जोरदार रहा। जबकि तटीय कर्नाटक, विदर्भ, दक्षिणी छत्तीसगढ़, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ भागो में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई।
[yuzo_related]
पिछले 24 घंटों के दौरान चेरापूंजी में सबसे अधिक 136 मिमी बारिश दर्ज की गई। माथेरान में 165 और महाबलेश्वर 160 मिमी की मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई।
4 जुलाई तक, देश भर के बारिश के आंकड़े में 7% की कमी बनी रही। दक्षिण और उत्तर-पश्चिम भारत में 8% और 15% अधिक बारिश दर्ज़ की गई है। जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 21 प्रतिशत कम वर्षा हुई। मध्य भारत में भी बारिश में 9% की कमी देखी गई।
अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण गुजरात, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरी ओड़ीशा और जम्मू-कश्मीर के कुछ भागो में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय रहेगा जिससे इन भागों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
Click the image below to see the live lightning and thunderstorm across India
इसके अलावा केरल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सो में सामान्य मॉनसून की स्थिति देखी जाएगी जिससे इन राज्यों में मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। इन सभी स्थानों पर एक दो जगह में भारी बारिश का भी अनुमान है।
Please Note: Any information picked from here should be attributed to skymetweather.com