मॉनसून की अक्षीय रेखा अनुपूरगढ़, पिलानी, अलीगढ़, निम्न दबाव वाले क्षेत्र, आज़मगढ़, पटना, कोलकाता और फिर बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी के माध्यम से गुजर रही है। अक्षीय रेखा का दूसरा छोर पटना से मालदा होते हुए सिलचर तक जा रहा है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, पश्चिम उत्तर प्रदेश में मॉनसून ज़ोरों पर रहा।
मॉनसून हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर पंजाब और हरियाणा के हिस्सों पर सक्रिय रहा।
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बारिश का सबसे अधिक योगदान अलीगढ़ से आया जहाँ 127 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद गोरखपुर में 82 और शांति निकेतन में 78 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
26 जुलाई को देश भर के बारिश के आंकड़े में 2% की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा 15% और 8% अधिक है। इस बीच, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में वर्षा में 3% और 31% की कमी है।
अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा और इन क्षेत्रों में भारी बारिश होगी।
इस बीच, मॉनसून उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और असम के कुछ हिस्सों में सक्रिय रहेगा जिसके परिणामस्वरूप यहाँ माध्यम से भारी वर्षा की उम्मीद है।
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पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक, जम्मू कश्मीर, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मॉनसून सामान्य रहेगा जबकि देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कजोर रहेगा।
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