मॉनसून की अक्षीय रेखा वर्तमान में श्री गंगानगर, नारनौल, ग्वालियर, सिधी और बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी से गुज़र रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश पर ज़ोरों पर रहा।
इस बीच, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई।
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बारिश का प्रमुख योगदान पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर से आया जहाँ 170 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद पिलानी में 133 मिमी और रतलाम में 105 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
22 जुलाई को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 3% की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में व17% और 15% अधिक वर्षा हुई है। इस बीच, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के बारिश में 7% और 33% की कमी है।
अगले 24 घंटों के दौरान, मध्य प्रदेश में मॉनसून का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहेगा और वहां भारी वर्षा की उम्मीद है
इस बीच, पूर्वी राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति होगी और यहाँ हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है।
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कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, पंजाब के कुछ हिस्से, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और नागालैंड में सामान्य मॉनसूनी बारिश की संभावना है।
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