मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय अनूपगढ़, सीकर, उत्तरी मध्य प्रदेश, इससे सटे उत्तर प्रदेश, डाल्टागंज, जमशेदपुर, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी से सटे पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा से होते से होते हुए पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून दक्षिण राजस्थान, गुजरात के कुछ हिस्सों, पश्चिमी मध्य प्रदेश और तटीय कर्नाटक में सक्रिय रहा। जबकि दक्षिण उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तटीय ओडिशा, गंगिया पश्चिम बंगाल, कोंकण और गोवा और केरल में सामान्य मानसून की स्थिति देखी गई थी।
बीते दिन वलसाड में सबसे अधिक 105 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, महाबलेश्वर में 93 मिमी और मंगलुरु में 90 मिमी बारिश दर्ज हुई।
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19 जुलाई तक, देश भर के बारिश के आंकड़े में 4% की कमी बनी रही। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में 14% और 16% अधिक बारिश दर्ज हुई। जबकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 10% और 33% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा, उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में जोरदार मॉनसून की स्थिति के कारण भारी वर्षा की संभावना है।
मॉनसून पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और तटीय कर्नाटक के हिस्सों में सक्रिय रहेगा।
इस बीच, गुजरात क्षेत्र, कोंकण और गोवा, केरल, विदर्भ, छत्तीसगढ़ के बाकी हिस्सों, उत्तरी ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा में सामान्य मानसून की स्थिति देखी जाएगी। इन राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है।
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जबकि देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर रहेगा।
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