मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, डाल्टनगंज, रांची और दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून गुजरात, सौराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के हिस्सों में जोरदार रहा।
बीते दिन नौगाँव में सबसे अधिक 120 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, कन्नूर 103 मिमी और ग्वालियर 90 मिमी बारिश दर्ज हुई।
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18 जुलाई तक, देश भर के बारिश के आंकड़े में 3% की कमी बनी रही। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा 15% और 18% अधिक बारिश दर्ज हुई। जबकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 10% और 31% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान, राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ के कुछ हिस्सों, दक्षिण छत्तीसगढ़ और उत्तरी तेलंगाना में भारी मॉनसून बारिश की संभावना है।
मॉनसून कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और उत्तराखंड पर सक्रिय रहेगा, जिसके कारण इन राज्यों में मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानो पर भारी वर्षा भी हो सकती है।
इस बीच, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, ओडिशा और गुजरात क्षेत्र मॉनसून की स्थिति सामान्य रहेगी।
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जबकि देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर रहेगा।
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