मॉनसून की अक्षीय रेखा जैसलमर, कोटा, टिकमगढ़, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश इससे सटे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और बारीपाड़ा से होते हुए उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण गुजरात, केरल और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में मॉनसून जोरदार रहा। इस बीच, झारखंड और छत्तीसगढ़ में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई।
बीते 24 घंटों के दौरान पोरबंदर में सबसे अधिक 200 मिमी बारिश दर्ज की गई, दमोह 196 मिमी और महाबलेश्वर ने 165 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी।
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17 जुलाई को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 2% की कमी बनी रही। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा 14% और 18% अधिक बारिश दर्ज हुई। जबकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 9% और 31% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिणपूर्व राजस्थान, उत्तरी गुजरात और पश्चिमी मध्य प्रदेश में जोरदार मानसून की स्थिति दिखाई देगी, जिसके कारण इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है।
मानसून पूर्वी राजस्थान, दक्षिण कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में सक्रिय रहेगा, इन स्थानो पर मध्यम से भारी बारिश होगी।
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इस बीच, शेष मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड के हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में सामान्य मानसून की स्थिति के चलते हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून का कमजोर प्रदर्शन रहेगा।
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