मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय जैसलमेर, कोटा, सागर, अम्बिकापुर और बालासोर क्षेत्र से होते हुए, पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून गुजरात, कोंकण और गोवा, दक्षिण मध्य प्रदेश और ओडिशा पर जोरदार रहा।
इस बीच, सक्रिय मॉनसून की स्थिति गुजरात क्षेत्र, दक्षिण कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में देखी गई।
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जबकि, केरल, तटीय कर्नाटक, मराठवाड़ा, विदर्भ, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गंगिय पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई।
पिछले 24 घंटों में, महाबलेश्वर से सबसे अधिक बारिश का योगदान रहा, और यहाँ 270 मिमी बारिश हुई, वहीं दीव में 263 मिमी और वलसाड में 223 मिमी बारिश दर्ज की गई।
16 जुलाई को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 4% की कमी बनी रही। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा 10% और 18% अधिक बारिश दर्ज हुई। जबकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 9% और 30% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान, विदर्भ, दक्षिण और पश्चिम मध्य प्रदेश में जोरदार मॉनसून के कारण इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।
इस बीच, सक्रिय मॉनसून की स्थिति गुजरात, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, असम और मेघालय में रहेगी।
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जबकि राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, तेलंगाना, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल और झारखंड में सामान्य मॉनसून बारिश की संभावना है।
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