मॉनसून की अक्षीय रेखा वर्तमान में जैसलमेर, कोटा, भोपाल, जबलपुर, पेन्द्र, संबलपुर, गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र से होते हुए, पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून केरल, दक्षिण गुजरात, उत्तरी कोंकण और गोवा, उड़ीसा और विदर्भ के कुछ हिस्सों में ज़ोरों पे रहा। इस बीच, सक्रिय मॉनसून की स्थिति गुजरात क्षेत्र, दक्षिण कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में देखी गयी।
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पिछले 24 घंटों में, महाबलेश्वर और भवानीपत्ना से सबसे अधिक बारिश का योगदान आया, और यहाँ 299 मिमी बारिश हुई, वहीं माथेरान में 262 मिमी और कोच्चि में 231 मिमी बारिश दर्ज की गई।
15 जुलाई को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 5% की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा 7% और 17% अधिक हुई है। इस बीच, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 8% और 30% कम वर्षा हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान, गुजरात, दक्षिण उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के हिस्सों, उत्तर तेलंगाना और विदर्भ के कुछ हिस्सों में मॉनसून का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहेगा और यहाँ भारी वर्षा की उम्मीद है। वहीं सक्रिय मॉनसून की स्थिति मुंबई सहित कोंकण और गोवा, दक्षिण गुजरात, तटीय कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, दक्षिणपूर्व राजस्थान, उत्तराखंड उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। एक दो हिस्सों में भारी वर्षा हो सकती है।
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मध्य महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर राज्यों, ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड में सामान्य मॉनसून बारिश की संभावना है। देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमजोर रहेगा।
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