मॉनसून की अक्षीय रेखा अनुपूरगढ़, झुनघुनू, शिवपुरी, सिधी, पेन्द्र, चाइबासा, दीघा होते हुए पूर्वीमध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, पूर्व राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, दक्षिण गुजरात, दक्षिण कोंकण और गोवा, और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश पर मॉनसून ज़ोरों पर रहा।
इस बीच, तटीय कर्नाटक, केरल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पंजाब के कुछ हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई।
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बारिश का सबसे अधिक योगदान महाबलेश्वर से आया जहां 171 मिमी बारिश दर्ज की गयी, वहीं डीयू में 137 मिमी और सूरत में 119 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गई।
12 जुलाई को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 8% की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो मध्य और दक्षिण भारत में 1 और 15% अधिक वर्षा हुई है। जबकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 12% और 28% की कमी है।
अगले 24 घंटों के दौरान, गुजरात, दक्षिणपूर्व राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और विदर्भ के कुछ हिस्सों में मॉनसून का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहेगा जिसके परिणाम स्वरूप यहाँ भारी बारिश होगी।
इस बीच, सक्रिय मॉनसून की स्थिति के साथ कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। एक दो स्थानों पर भारी वर्षा की उम्मीद है। मुंबई की बारिश में बढ़ोतरी की उम्मीद है, हालांकि यहाँ भारी वर्षा के आसार नहीं दिख रहे हैं।
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वहीं मध्य महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर राज्यों, बिहार के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में सामान्य मॉनसूनी बारिश की संभावना है। मॉनसून देश के बाकी हिस्सों में कमजोर रहेगा।
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