बीते 24 घंटों के दौरान तटीय कर्नाटक और केरल के कुछ भागों में मॉनसून जमकर बरसा है।
कोंकण-गोवा, दक्षिणी गुजरात, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, विदर्भ, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मॉनसून सक्रिय रहा।
गुजरात के बाकी हिस्सों, उत्तरी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, रायलसीमा और तमिलनाडु में मॉनसून की सुस्ती के चलते कम वर्षा हुई।
बीते 24 घंटों के दौरान अधिक बारिश वाले स्थानों का ज़िक्र करें तो माउंट आबू में सबसे अधिक 103 मिलीमीटर बारिश हुई। लखनऊ में 92 और महाबलेश्वर में 85 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
2 जुलाई तक देश भर में सामान्य से 6 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। उत्तर पश्चिम भारत में 49 प्रतिशत और दक्षिण भारत में सामान्य से 5 फीसद अधिक वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। हालांकि पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में अभी भी बारिश 15 प्रतिशत पीछे है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय बाड़मेर, सोनीपत, शिमला और पहलगाम तक पहुँच गई है।
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अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के प्रदर्शन का ज़िक्र करें तो पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक मॉनसूनी हलचल देखने को मिलेगी। जिससे असम, मेघालय और मणिपुर में भीषण बारिश होने की संभावना है।
दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी कुछ स्थानों पर मॉनसून मेहरबान रहेगा और इन भागों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है।
दक्षिणी गुजरात, कोंकण-गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, बिहार और शेष छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
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झारखंड, पश्चिम बंगाल, तटीय ओड़ीशा, विदर्भ, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सामान्य मॉनसून वर्षा होने के आसार हैं।
उत्तर में दिल्ली और हरियाणा से लेकर मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, रायलसीमा, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु मॉनसून तक मॉनसून का कमजोर प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
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