मॉनसून की व्यापक सक्रियता के चलते दक्षिणी गुजरात, कच्छ के कुछ क्षेत्रों, उत्तरी कोंकण और ओड़ीशा में जल प्रलय मची हुई है।
कोंकण गोवा के शेष हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा में भी मॉनसून सक्रिय रहा और अच्छी वर्षा दर्ज की गई।
केरल, पूर्वी व पश्चिमी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में भी मॉनसून का सामान्य प्रदर्शन देखने को मिला।
बीते 24 घंटों में सबसे अधिक वर्षा भवानीपटना में हुई। यहाँ 182 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। ओड़ीशा के ही कटक में 155 और गोपालपुर में 96 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
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इस मॉनसून सीज़न में अब तक हुई कुल बारिश का ज़िक्र करें तो आंकड़े सामान्य के आसपास हैं। हालांकि उत्तर पश्चिम भारत को छोड़कर देश के बाकी सभी हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। उत्तर पश्चिम भारत में 25 % अधिक वर्षा हुई है।
राजस्थान और पंजाब के कुछ इलाकों में मॉनसून का इंतज़ार जारी है। मॉनसून की उत्तरी सीमा अभी भी जैसलमर, फलोदी, हिसार और कपूरथला में बनी हुई है।
आने वाले 24 घंटों के दौरान समूचे देश में मॉनसून के संभावित प्रदर्शन पर नज़र डालें तो तटीय ओड़ीशा, तटवर्ती आंध्र प्रदेश और मुंबई व गोवा सहित उत्तरी कोंकण क्षेत्र में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
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गुजरात में पहले से ही बारिश कम हो गई है और भीषण वर्षा से राहत मिल गई है। हालांकि दक्षिणी गुजरात में मॉनसून सक्रिय रहेगा और कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा हो सकती है।
तटीय कर्नाटक, तेलंगाना, मराठवाड़ा, विदर्भ, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में भी सक्रिय मॉनसून के बीच वर्षा जारी रहेगी।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
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