पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में बीते 24 घंटों के दौरान मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय रहा। यहाँ मूसलाधार मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई है। बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी तटों पर भी सक्रिय मॉनसून के चलते कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में मॉनसून सामान्य रहा और इन भागों में विशेष वर्षा देखने को नहीं मिली।
पिछले 24 घंटों में खंडवा में 162 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। खरगौन में 122 मिलीमीटर और दमोह में 116 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। 12 जुलाई तक देश भर में सामान्य से 1 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। उत्तर पश्चिम भारत बारिश के मामले में अभी भी सामान्य से काफी आगे है। यहाँ सामान्य से 33 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
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मॉनसून का प्रदर्शन मध्य भारत में सामान्य से 9 प्रतिशत कम और दक्षिण भारत में सामान्य से 10 फीसदी कम रहा।
देश के कुछ ही इलाकों में मॉनसून एक्सप्रेस का आगमन अभी नहीं हुआ है। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय बाड़मेर, सीकर, हिसार, पटियाला और कपूरथला में बनी हुई है। अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के संभावित प्रदर्शन का ज़िक्र करें तो पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और पूर्वी गुजरात में भीषण मॉनसून वर्षा होने की संभावना है।
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इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी मॉनसून 14 जुलाई को सक्रिय रहेगा और इन भागों में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। मुंबई सहित पश्चिमी तटों के साथ-साथ मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और तेलंगाना में भी मॉनसून वर्षा में वृद्धि देखने को मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में मॉनसून कमज़ोर हो जाएगा और बारिश घट जाएगी।
दक्षिण भारत में भी मॉनसून की स्थिति में सुधार नहीं होगा और अधिकतर हिस्सों में मौसम मुख्यतः शुष्क ही बना रहेगा।
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