असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सबसे अधिक प्रभावी रहा और भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल और उत्तरी कोंकण क्षेत्र तथा गोवा में भी सक्रिय मॉनसून ने अच्छी बारिश दी है।
बीते 24 घंटों के दौरान सिलीगुड़ी सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा। यहाँ मौसम केंद्र पर 189 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा गोरखपुर में 159 और कूच बिहार में 156 मिलीमीटर बारिश हुई।
बीते कुछ दिनों से देश के कई इलाकों में मॉनसून की सक्रियता कम रही है जिसके चलते 9 जुलाई को देश भर में बारिश का आंकड़ा घटकर सामान्य से 2 प्रतिशत नीचे पहुँच गया है।
मध्य और पूर्वी भारत में सामान्य से 7 प्रतिशत और दक्षिण भारत में सामान्य से 9 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। उत्तर भारत के इलाके बारिश में आगे हैं। यहाँ अब तक सामान्य से 31 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
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मॉनसून की उत्तरी सीमा बीते कई दिनों से आगे नहीं बढ़ी है। यह अभी भी बाड़मेर, सोनीपत, शिमला और जम्मू में ही बनी हुई।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के प्रदर्शन की बात करें तो
उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों, बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम में मॉनसून व्यापक रूप में प्रभावी रहेगा और इन भागों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है।
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पश्चिमी उत्तरी प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओड़ीशा में भी मॉनसून की सक्रियता के चलते अच्छी वर्षा होने की संभावना है।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और तटीय महाराष्ट्र में बीते कई दिनों की सुस्ती के बाद मॉनसूनी हलचल बढ़ेगी। इन भागों में वर्षा की गतिविधियां बढ़ने के आसार हैं।
दूसरी ओर कर्नाटक, दक्षिणी तमिलनाडु, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश में मॉनसून का कमजोर प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
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